लोधी भाषा लोध और लोद से मिलकर बनी है, धार्मिक पृ्ष्ठ भूमि ऐसा मानना है की,
धार्मिक पृष्ठभूमि:
* ऋग्वेद में लोधी को सनातन हिंदु धर्म के रुप मे जाना जाता है।
* लोधी को पृथ्वी पर का पहिला क्षत्रिय माना जाता रहा है।
* धार्मिक पृष्ठ के अनुसार शंकर भगवान के पास खड़े रहते थे, एक बार शंकर भगवान जिसे ब्रम्हा विष्णु महेश तीन मे से एक अवतार महेश अर्थात शंकर के नाम से जाना जाता है। उनके पास सेवा के भाव से खड़े रहते थे और उसी समय शंकर भगवान को घुस्सा आया तो उसने लोधेश्वर रुप लिया जिससे उस समय से उसके रुप अनुसार काम करने से लोध अर्थात लोधी का उद्गम हुआ है ऐसा बताते है।
* दूसरी पृष्ढ भूमि मनुष्यस्मृती शास्त्र में हिंदुस्थान मे चार वर्ण की स्थापना है 1) ब्राम्हण 2) क्षत्रिय वैष्य 4) शुद्र इसमें ये क्षत्रिय लडाई करने वाले ब्राम्हण व शासकों के अधिन रहकर उनकी सुरक्षा की दृष्टि से लडाकू के रुप में प्रदर्शित है। जो लोधी जाती प्रथम क्रंमाक पर है।
इतिहासिक पृष्ठभूमि:
* इतिहास में बड़े बड़े राजा महासभाओं के शासक काल में लडाकू वीर योध्दा के रुप में रहे जो मण्डला जिले मे (म.प्र.) के रानी अवंतीबाई, अंग्रेजो से 1857 मे युध्द करते हुये 20 मार्च 1858 मे शहिद हुई और भारत में आज भी जहाँ जहाँ लोधी लोग पाये और वहाँ उसका विरांगणी अंवतीबाई का स्टेचु बना है।
* गुलाबसिहं लोधी (उ.प्र.), मातादीन लोधा स्वतंत्र लळाकु के रुप जाने जाते है।
भौगोलिक पृष्ठभूमि:
* भारत के सभी कोने कोने में अपनी अलग अलग भाषा में रहते है। लेकिन मुल भाषा महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश के बार्डर से मण्डला जिले के पास विरागंणा अंवतिबाई राणी लोधी के नाम से विख्खात हुई। जो अयोध्या (उ.प्र.) से संर्पक मे थी।
राजनैतिक पृष्ठभूमि:
* लोधी भाषा के कुछ गिने चुने लोगों ने राजनिती मे अपना दबदबा बनाकर देश सेवा की जिनके नाम से भी लोधी भाषा को जाना जाता है।
कल्याणसिंह-Ex.C.M. Utter Pradesh
डाँ.छत्तरपालसिंग-Ex. Rajya Sabha
स्वामी साक्षी महाराज-Ex-M.P. Rajya Sabha
हितेश कुमारी लोधी-Ex-Minister (U.P.)
राजबिरसिंग-MLA (U.P.)
श्री. गंगा प्रसाद-Former vice health minister (U.P. 1957-1980)
प्रजापालन वर्मा-MLA (U.P.)
उमा भारती-Minister water resourse
कुवर तिलकसिंग नागपुरे-KTS GOVT. HOSPITAL GONDIA
लोधी लोगों का पहिनावा:
* 50 साल से उप्पर के लोग धोती कुर्ता और गम्छा
* 45 से 50 साल के लोग पैजामा- कुर्ता, साधा पँन्ट-शर्ट,
* स्त्रीयाँ साड़ी-ब्लाऊज, कास्टा साड़ी-आंगी, पिछड़े वर्ग में साड़ी कि लंगोटी
*गरीबी वर्ग के कुछ लोग कपड़े को धोकर के स्तेमाल करते है।
कामधंदा:
* किसान खेती किसानी पर निर्भर रहते है।
* मजदुर वर्ग धान काटना परा लगाना, बैलो से नागर जोतना और मिट्टि खोदना।
* खुद का व्यवसाय नहिं दूसरे के उप्पर अवलंबन।
*पशु पालन।
शिक्षा :
इनकि भाषा को सरकार मान्यता नहीं है इसलिये इनकी भाषा मे काम काज नहीं होता।
* इनकी भाषा में व्याकरण और पत्रिका न होने से भाषा की शुध्दता खतरे मे है।
* जो जहाँ बसे हुये है, वहीं की स्थानिक भाषा के कारण अपनी भाषा खोते जा रहे है।
* लोधी भाषा मे किसी भी प्रकार की कोई संस्था, स्कुल, चर्च, नाटक, मंडल, किताबे ये नहीं है।
* बहुत लोग माध्यमिक तक हि शिक्षा ग्रहण कर पाते है, जो लाखो मे है।
* उच्च माध्यमिक तक शिक्षा प्राप्त करने वाले लोग, 10% के आसपास हो सकते है।
* और जो पदवी प्राप्त करने वाले लोग गिने चुने मिलेंगें।
* 40 साल से उप्पर की स्त्रियां आज भी 90% निरक्षर व अशिक्षित है।
लोकसंख्या(Population) :
अ.क्र. | राज्य (State) | लोकसंख्या (Population) |
1. | महाराष्ट्र | 45 लाख |
2. | मध्यप्रदेश | 62 लाख |
3. | छत्तीसगढ़ | 24 लाख |
4. | उत्तरप्रदेश | 1.7 करोड़ |
5. | उतराखणड | 20 लाख |
6. | पंजाब | 9 लाख |
7. | हरियाणा | 14 लाख |
8. | राजस्थान | 78 लाख |
9. | गुजरात | 60 लाख |
10. | गोवा | 5 लाख |
11. | कर्नाटक | 45 लाख |
12. | केरल | 12 लाख |
13. | तमिलनाडु | 36 लाख |
14. | आंध्रप्रदेश | 24 लाख |
15. | उड़ीसा | 37 लाख |
16. | झारखण्ड | 12 लाख |
17. | बिहार | 90 लाख |
18. | पश्चिम बंगाल | 18 लाख |
19. | हिमाचल प्रदेश | 45 लाख |
20. | सिक्किम | 1 लाख |
21. | आसाम | 10 लाख |
22. | मिजोरम | 1.5 लाख |
23. | अरुणाचल प्रदेश | 1 लाख |
24. | नागालँड | 2 लाख |
25. | मणिपुर | 7 लाख |
26. | मेघालय | 9 लाख |
27. | त्रिपुरा | 2 लाख |
28. | जम्मू कश्मीर | 2 लाख |
* पुरे भारत मे उपगोत्र सहित लोधी जनसंख्या 774 लाख लगभग
* हमारी लोधी भाषा को जानने और बोलने वाले लोग 131 लाख
* इस भाषा का व्यवहार करने वाले लोग 80 लाख
* नागपुर से गोंदिया (महा), बालाघाट से जबलपुर (म.प्र.), आमगांव से रायपुर(छ.ग.) आज भी उन्हें राष्टीय भाषा नहीं आती ये लोधी भाषा का प्रयोग ये 30 लाख लोग है।
* और ये खास करके तीन राज्यों के बार्डर पर बोली जाती है महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़
* लोधी समाज की कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी : गोत्र एंव उपगोत्र
गोत्र पाच है। और उपगोत्र 1 से 531
* लोधी इनका रुतबा पटेल, राजपुत, ठाकुर अहिर, छत्रपती और जमिनदार ऐसे घराने से जुडा हुआ है।
चर्च की पृष्ठभूमि:
* लोधी लोग सनातनी हिंदु धर्म के होने के कारण चर्च से दूरी बनाये रखे थे।
* हिंदु धर्म होने के कारण चर्च दूसरे धर्म का है इसलिये वो नहीं जाते थे।
* उनकी भाषा मे परमेश्वर का वचन न होने से वे दिल से अविश्वास करते थे।
* जो विश्वास मे आए वे लोगों के लिये चर्च न होने से भटक गये।
* उनकी जाती मे जादा पास्टर न होने से लोगों की संख्या नहीं बढ़ पाई।
* गोंदिया में 300 से उप्पर प्रभु को मानने लगे है और दूसरे चर्च में जाते है।
* बालाघाट में 450 से उप्पर प्रभु को मानने लगे है, और अन्य चर्च में जाते है।
* नागपुर से गोंदिया से बालाघाट हजारो की तादाद मे मानने लगे है, उनका खुदका चर्च नहीं हैं।
* उनकी भाषा में बाइबल नहीं है।
आवश्कता:
* लोधी भाषा की शोध करने की आवश्कता है।
* लोधी भाषा मे बाईबल व गीतों की आवश्कता है।
* शिक्षा कि आवश्कता हे।
* गरीबी और निरधनता और पिछडा पन होने से आर्थिक अभाव।
* इस भाषा मे काम करने के लिए कोई आगे नहीं आ सका।
* इस भाषा मे सेवक लोगों कि कमी है।
* इस भाषा मे प्रशिक्षन के लिए कोई संस्था व कमेटी नहीं है।
* गाव मे पड़े लिखे लोग कम है।
* हर गाव मे मेट्रिक पास दो तीन कि संख्या मे बड़े मुस्कील से मिलते है।
* इन लोगों के लिए कोई चर्च नहीं है।
* गरीबी के कारण काम व यात्रा बैल बंडी व जानवर पर निर्भर।